Abhinay Sharma और Aditya Ranjan ने SSC Protest पर क्या कहा?
प्रस्तावना
भारत में सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों के लिए SSC (Staff Selection Commission) सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि भविष्य की उम्मीद है। हर साल लाखों उम्मीदवार SSC CGL, CHSL, MTS, GD और अन्य परीक्षाओं में शामिल होते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बार-बार परीक्षाओं में गड़बड़ी, पेपर लीक, परिणामों में देरी और पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों ने छात्रों को सड़कों पर उतरने को मजबूर किया।
इन्हीं आंदोलनों को लेकर कई शिक्षक और कोचिंग से जुड़े लोग छात्रों की आवाज़ बने। इनमें दो प्रमुख नाम उभरे — Aditya Ranjan और Abhinay Sharma। दोनों ने SSC Protest पर अपनी राय रखी, लेकिन उनका दृष्टिकोण अलग-अलग रहा।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से देखेंगे कि इन दोनों ने क्या कहा, उनका नजरिया क्या रहा, और इसका छात्र समुदाय पर क्या असर पड़ा।
Aditya Ranjan की बात: "न्याय की मांग और पारदर्शिता की लड़ाई"
Aditya Ranjan पिछले कई वर्षों से SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक हैं। उनका नाम खासकर इस वजह से चर्चा में आया क्योंकि उन्होंने खुले तौर पर SSC Protest का नेतृत्व करने वाले छात्रों का साथ दिया।
-
लाठीचार्ज और गिरफ्तारी का अनुभवउन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे आंदोलन के दौरान पुलिस ने छात्रों और शिक्षकों को हिरासत में लिया। उनके मुताबिक, “31 जुलाई को लाठीचार्ज हुआ और मुझे पुलिस स्टेशन ले जाया गया।”यह बयान इस बात को दर्शाता है कि आंदोलन सिर्फ छात्रों तक सीमित नहीं था, बल्कि शिक्षक भी इसमें शामिल थे और दबाव झेल रहे थे।
-
छात्रों की आवाज़ को दबाने पर सवालउन्होंने कहा कि “DOPT (Department of Personnel and Training) के गेट पर खड़े शिक्षक आतंकी नहीं थे। नारे थे, लाठी नहीं। मुद्दे थे, हिंसा नहीं।”यह बयान साफ दिखाता है कि उनका मकसद आंदोलन को हिंसक बनाना नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से न्याय और पारदर्शिता की मांग करना था।
-
सोशल मीडिया का इस्तेमालAditya Ranjan ने ट्विटर (X) और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर छात्रों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया। उनका मानना था कि अगर अन्याय हो रहा है और चुप्पी साध ली जाए, तो यह लोकतंत्र के साथ धोखा होगा।
Abhinay Sharma की बात: "प्रदर्शन की योजना और जिम्मेदारी"
Abhinay Sharma भी SSC परीक्षा की तैयारी कराने वाले मशहूर शिक्षक हैं। उनका बड़ा यूट्यूब चैनल है और हजारों छात्र उनसे पढ़ते हैं। जब SSC Protest की चर्चा शुरू हुई, तो उन्होंने भी इस पर अपनी राय दी।
-
“Reel Teacher” का बयानउन्होंने एक वीडियो में अप्रत्यक्ष रूप से Aditya Ranjan की आलोचना की और कहा कि उन्होंने प्रदर्शन की योजना सही ढंग से छात्रों तक नहीं पहुँचाई। Abhinay ने उन्हें “reel teacher” कहकर तंज कसा।इसका सीधा मतलब था कि वह Aditya को गंभीर आंदोलन से ज्यादा सोशल मीडिया पर दिखावे से जोड़कर देखते थे।
-
समय सीमा का मुद्दाउनका आरोप था कि छात्रों को प्रदर्शन की समय सीमा (शाम 5 बजे तक) की जानकारी ठीक से नहीं दी गई। इस वजह से कई छात्रों को पुलिस कार्रवाई और यात्रा में परेशानी उठानी पड़ी।Abhinay ने इस बिंदु को आंदोलन की सबसे बड़ी खामी बताया और कहा कि छात्रों को सही मार्गदर्शन की कमी रही।
-
पुराने विवादों का ज़िक्रउन्होंने यह भी कहा कि छात्र नेताओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और बिना तैयारी के किसी भी आंदोलन में शामिल नहीं करना चाहिए।
दोनों की सोच में अंतर
पहलू | Aditya Ranjan | Abhinay Sharma |
---|---|---|
मुख्य फोकस | पारदर्शिता और न्याय की मांग | आंदोलन की तैयारी और जिम्मेदारी |
अंदाज़ | शांतिपूर्ण विरोध और छात्रों का समर्थन | आलोचनात्मक, खासकर नेतृत्व और योजना पर सवाल |
बयान की झलक | “नारे थे, लाठी नहीं। मुद्दे थे, हिंसा नहीं।” | “छात्रों को समय सीमा नहीं बताई गई, यह बड़ी गलती थी।” |
छवि | आंदोलनकारी शिक्षक, छात्रों की आवाज़ | अनुशासन और योजना पर जोर देने वाले शिक्षक |
छात्रों पर असर
-
Aditya Ranjan के समर्थक
-
उन्होंने माना कि अगर शिक्षक भी छात्रों के साथ खड़े होंगे तो आंदोलन की ताकत बढ़ेगी।
-
कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में लिखा कि उनकी आवाज़ ने आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया।
-
-
Abhinay Sharma के समर्थक
-
उनका तर्क था कि नेतृत्व में जिम्मेदारी जरूरी है।
-
उन्होंने कहा कि आंदोलन में शामिल होने से पहले छात्रों को योजना और समय का सही मार्गदर्शन मिलना चाहिए।
-
दोनों के बयानों ने छात्र समुदाय को दो हिस्सों में बाँट दिया — एक ओर वे जो लड़ाई को पारदर्शिता बनाम अन्याय के नजरिए से देख रहे थे, और दूसरी ओर वे जो योजना और जिम्मेदारी को सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे थे।
इस विवाद से क्या सीख मिलती है?
-
एकजुटता जरूरी हैआंदोलन का मकसद किसी व्यक्ति या शिक्षक को गलत ठहराना नहीं होना चाहिए। अगर सभी की आवाज़ मिलकर उठेगी, तभी बदलाव आएगा।
-
सही नेतृत्व और जिम्मेदारीआंदोलन में शामिल नेता और शिक्षक को पारदर्शिता के साथ छात्रों को सही जानकारी देनी चाहिए। आधी-अधूरी जानकारी से आंदोलन कमजोर पड़ता है।
-
लोकतांत्रिक तरीके से आवाज़ उठानालाठीचार्ज या गिरफ्तारी जैसी घटनाएँ यह बताती हैं कि विरोध करना आसान नहीं है। लेकिन अगर आंदोलन शांतिपूर्ण और योजनाबद्ध हो, तो उसकी गूंज ज्यादा असरदार होती है।
-
सोशल मीडिया की ताकतट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म ने इस आंदोलन को देशभर में फैलाया। इससे यह साबित हुआ कि डिजिटल युग में छात्रों की आवाज़ को दबाना मुश्किल है।
निष्कर्ष
SSC Protest पर Aditya Ranjan और Abhinay Sharma की राय अलग-अलग रही।
-
Aditya Ranjan ने इसे न्याय, पारदर्शिता और छात्रों की आवाज़ का मुद्दा बताया।
-
वहीं Abhinay Sharma ने आंदोलन की योजना, जिम्मेदारी और नेतृत्व की कमियों को उजागर किया।